कालसर्प दोष एवं उनके प्रभाव :- कालसर्प दोष निवारण विधि : आइए हम जाने कि कालसर्प दोष आखिर है क्या? जैसा कि आप जानते ही हैं कि प्रत्येक जातक की कुंडली में नवग्रह अलग-अलग स्थानों पर विराजमान होते हैं । नवग्रहों में राहु एवं केतु को भी स्थान प्राप्त है अर्थात जातक की कुंडली में राहु एवं केतु भी विराजमान रहते हैं। कुंडली में जब सूर्य, चंद्रमा, मंगल,बुध, शुक्र, शनि, गुरु यह सभी प्रमुख ग्रह राहु एवं केतु के बीच में आ जाते हैं तो यह उस जातक की कुंडली में एक विशेष प्रभाव डालते हैं। इस योग कोही कालसर्प योग के नाम से जाना जाता है तथा इससे उत्पन्न दोष को कालसर्प दोष कहते है।
