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कालसर्प दोष लाल किताब

कालसर्प दोष लाल किताब

कालसर्प दोष लाल किताब : लाल किताब के अनुसार काल सर्प दोष के निवारण के बारे में जानने से पहले आइये यह जान लें कि काल सर्प दोष क्या होता है और किसी व्यक्ति या जातक के जीवन में इससे होने वाले प्रभाव क्या-क्या होते हैं ? यह दोष किसी व्यक्ति/जातक की कुंडली में उसके ग्रहों की दशा और स्थिति के अनुसार होता है | किसी जन्म कुंडली में प्रत्येक ग्रह और घर का अलग अलग महत्व होता है | अब हम यह जानते है कि किसी कुंडली में काल सर्प दोष स्थिति कैसे बनती है ? जब सूर्य मंडल के सातों गृह, राहु एवं केतु के बीच आ जाते है व आधी जन्म कुंडली में कोई भी ग्रह नहीं होता है , तब जातक की कुंडली में पूर्ण काल सर्प योग होता है | यदि कुंडली में एक भी ग्रह राहु केतु अक्ष रेखा के बाहर होता है, तो तब जातक के कुन्डली में या तो काल सर्प योग नहीं होता या दोष आंशिक होता है | काल सर्प दोष से किसी जातक के जीवन में सकारात्मक अथवा नकारात्मक दोनों ही प्रभाव हो सकते हैं |