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कालसर्प पूजा सर्वोत्तम पंडित त्र्यंबकेश्वर

कालसर्प पूजा सर्वोत्तम पंडित त्र्यंबकेश्वर

कालसर्प दोष कालसर्प पूजा सर्वोत्तम पंडित : कालसर्प योग किसी जातक की कुंडली में उत्पन्न वह योग है जो उसके पूर्व जन्म के जघन्य अपराधों के दंड या शाप के रूप में उसकी कुंडली में उत्पन्न होता है ऐसा हिंदू धर्म शास्त्रों में उल्लेखित है। दरअसल यह ऐसा योग है जिसमें नवग्रहों में से राहु एवं केतु के मध्य में अन्य सभी ग्रह आ जाते हैं और राहु एवं केतु अपना प्रभाव अन्य ग्रहों पर डालते हैं जोकि किसी मनुष्य के जीवन में बहुत ज्यादा प्रभावी होते हैं। राहु एवं केतु के जो गुण हैं वह शनि की तरह होते हैं और मनुष्य के जीवन में भी शनि ग्रह की तरह ही अपना प्रभाव छोड़ते हैं। राहु एवं केतु इन दोनों ग्रहों को किसी भी राशि कास्वामित्व प्राप्त नहीं है परंतु यह ग्रह जिस किसी भी व्यक्ति की कुंडली के जिस घर में भी विराजमान हो जाते हैं तो वहां उसके संपूर्ण स्वामित्व को प्राप्त कर लेते हैं।